इश्क वही हैं


इश्क़ वही है जो हो एक तरफा,
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो,
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है।

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