तरसते थे जो मिलने को हम से कभी

तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी!
आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं!
हम भी वही हैं दिल भी वही है! 
न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं

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