दिल की हसरत

दिल की हसरत ज़ुबान पे आने लगी,
तूने देखा और ज़िंदगी मुस्कुराने लगी।
ये इश्क़ की इंतेहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत मे सूरत तेरी नज़र आने लगी.।।

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