मुख्यपृष्ठबिराह सबके प्रिय लौट है जाकर... bySandeep Tiwari •मार्च 21, 2022 0 सबके प्रिय लौट है जाकर,चकवा भी चकई को पाकर।नदी मिली समुंद्र बीच जाकर,सीप बीच मोती को पाकर।मन कितना हर साए,तुम नही आए।राह देखती जोगन वेश बनाएं,तुम नही आए।बैठी दीप जलाएं,तुम नही आए।। ✍️ संदीप तिवारी (ढेमान बाबू) Tags: बिराह Facebook Twitter