अपने हाथो की लकीरो मे बसा ले मुझको
मैं हू तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको
खुद को मैं बाँट ना डालू कही दामन-दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको
वादा फिर वादा है मे ज़हर भी पी जाऊ क़ातिल
शर्त हैं कोई बाहों में संभाले मुझको।
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)
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जहर भी पी जाऊं कातिल