मुख्यपृष्ठसाजिश थी जमाने की एक अजीब दास्तान हैं मेरे... bySandeep Tiwari •अप्रैल 06, 2022 0 एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की..मैने पल पल कोशिश की उसके पास जाने की,!किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की.!! ***✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)*** Tags: साजिश थी जमाने की Facebook Twitter