बदल गया वक्क्त बदल...

बदल गया वक़्त बदल गयी बातें, 
 बदल गया मुहब्बत का सलीका!
कुछ नहीं बदला तो वो है ,
इन आँखों की नमी और तेरी कमी !!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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