अजीब जुल्म करती है तेरी...

अजीब जुल्म करती है,तेरी यादें मुझ पर
सो जाऊ तो उठा देती है!
जाग जाऊ तो रुला देती है?
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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