मुख्यपृष्ठबेकसूर जीना चाहा तो जिंदगी... bySandeep Tiwari •जून 02, 2022 0 जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम,मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम,सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा,बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू) Tags: बेकसूर Facebook Twitter