इश्क़ लिखना है मुझको आज
दो इजाज़त तुम्हें लिखूं दूं ...?
हूर है या खुदा का करिश्मा कोई
दीदार को तेरे ज़न्नत लिख दूं..?
तुझसे ही क़ायम है वजूद मेरा
धड़कनों को तेरी अमानत लिख दूं..?
ख़्वाहिश मेरी पूछती है जिंदगी
बोलो ना तुम्हारी मुहब्बत लिख दूं..?
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)
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ख्वाहिश मेरी