शाम की रंगीनियां और सुबह सुहानी याद है...

शाम की रंगीनियां और सुबह सुहानी याद है,
सब हकीकत भूल बैठा, इक कहानी याद है ।
आंसूओं से मैं बनाता हूं तेरी तस्वीर अब,
मेरी आंखों को तेरा, चेहरा जुबानी याद है ।।
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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