तेरी आँखों में जब से मैंने अपना....

तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है,
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता।
मेरे और तुम्हारे नजरिये में इतना फ़र्क़ था,
तुम्हे वक़्त गुजारना था और मुझे ज़िन्दगी !!"
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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