हाथ की लकीरों में जो ढूंढते हैं....

हाथ की लकीरों में जो ढूंढते हैं किस्मत अपनी ,
उनकों इल्म नहीं है लकीरें बदली जा सकती हैं ।

जब रिश्तेदारी साथ न दे हमारा किसी मोड़ पर ,
तब दूर की दोस्ती भी हमारे काम आ सकती है ।

एक ही रास्ता है मंज़िल तक पहुचने का यारों ,
मेहनत ही आपको सफलता दिला सकती है । 

संकल्प की शक्ति का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है , 
आदमी को दुनिया का शहंशाह बना सकती है
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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