मुख्यपृष्ठकोरा कागज कोई हालात नही समझता... bySandeep Tiwari •अप्रैल 12, 2022 0 कोई हालात नहीं समझता,कोई जज़्बात नहीं समझता;ये तो बस अपनी अपनी समझ है,कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है,तो कोई पूरी किताब नहीं समझता ✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू) Tags: कोरा कागज Facebook Twitter