मुख्यपृष्ठतेरे दीदार लाजिमी तो नही है कि... bySandeep Tiwari •अप्रैल 13, 2022 0 लाजिमी तो नहीं है कि तुझे आंखों से ही देखूं।तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नहीं।। औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके,कबख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ़्त में नीलाम हो गए.. ✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू) Tags: तेरे दीदार Facebook Twitter