तुम्हे चाहा तो बस चाहा इतना की
किसी ओर को चाहने की चाहत ना रही
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सीखा दिया,
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,
कर्ज़दार हूँ मैं खुदा का,
जिस ने मुझे आप जैसे दोस्त से मिला दिया..!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)
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खामोश