मुख्यपृष्ठनसीब था मिलना इत्तेफाक था... bySandeep Tiwari •मई 30, 2022 0 मिलना इत्तेफाक था बिछड़ना नसीब था वो उतना ही दूर चला गया जितना करीब था हम उसको देखने के लिए तरसते रहे जिसके हाथो में मेरा नसीब था✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू) Tags: नसीब था Facebook Twitter