हुस्न है तो थोड़ी अदा भी जरूरी है, मगर मुहब्बत में जालिम वफा भी जरूरी है।
समझौते का नाम ही यारो जिन्दगी हैं, थोड़ी सी मुहब्बत तो थोड़ी सी खुशी हैं।।
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)
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जालिम वफा