वो बचपन की अमीरी...

वो बचपन कीअमीरी न जाने कहां खो गई
जब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे…
सीख लिया जिसने दर्द में मुस्कुराना !!

उसे क्या मिटायेंगा गर्दिश में जमाना !!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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