लहरों को साहिल की

लहरों को साहिल की दरकार नहीं होती,
हौसला बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती, 
जलते हुए चिराग ने आंधियों से ये कहा,
उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने