कोई अपना बनाकर...

कोई अपना बनाकर
 दर्द देते चला गया 
दिल इतना मजबूर था,
की सब दर्द सहते रह गया
मुहब्बत भी क्या चीज है 
  की हम फना हो गये
दर्द सहते सहते
अब दर्द भी बेवफा हो गया!!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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