मुझे भी अब नींद की तलब नही रही...

मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही
अब रातों को जागना अच्छा लगता है!
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं,
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है!!
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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