देखा है जिंदगी को कुछ इतने क़रीब से...

देखा है जिंदगी को कुछ इतने क़रीब से 

तमाम चेहरे लगने लगे हैं अजीब से..!!
समझ से बाहर हालात चल रहे हैं,

अभी ज़िंदगी में मज़ाक चल रहे हैं।
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने