ये बरसात आज फिर मुझसे कुछ कह....

ये बरसात आज फिर मुझसे कुछ कह गयी 
आज फिर मेरी बाहों में उसकी कमी रह गयी 
एक पल के ही लिए ही छुआ था मैंने उसे 
आज फिर उसकी याद बारिश में पानी की तरह बाह गयी
✍️ संदीप तिवारी(ढेमन बाबू)

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