दिल से रोये मगर
होंठों से मुस्कुरा बैठे
यूं ही हम किसी से
वफा निभा बैठे
वो हमें एक लम्हा ना
दे पाए प्यार का
और हम उनके लिए
अपनी ज़िन्दगी लुटा बैठे
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)
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अपनी जिन्दगी लुटा बैठे