जब जिंदगी और....

जब जिंदगी और सपनों के बीच 
मोल भाव चल रहा हो तो,
सपने बेच डालो जिंदगी नही,
जिंदगी रही तो,
सपने फिर खरीद लेंगे …..II
✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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