काश मैं तुम्हारा होता...

काश मैं तुम्हारा होता 
तेरे साथ रात गुजारा होता।

बन के आवारा घूमता तेरे गलियों में
एक बार भी दिल से तुमने मेरा
 नाम पुकारा होता 

काश मैं तुम्हारा होता।

तुम्हें बाहों में लेकर चाँद के सामने
अपना पैर पसारा होता

काश मैं तुम्हारा होता।

तुझें बाहों का हार पहनाकर
खुदा से पहले तेरा चेहरा निहारा होता।

काश मैं तुम्हारा होता।
        ✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)

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