मुख्यपृष्ठअंगूर हो जाना चली जाती है आये दिन वो... bySandeep Tiwari •अगस्त 21, 2022 0 चली जाती है आये दिन वो बियुटी पार्लोर में यूं;उनका मकसद है, "मिशाल-ए-हूर" हो जाना;मगर ये बात किसी भी बेगम की समझ में क्यों नहीं आती;कि मुमकिन नहीं 'किशमिश' का फिर से 'अंगूर' हो जाना।✍️ संदीप तिवारी (ढेमन बाबू)https://dhemanbabu.blogspot.com/ Tags: अंगूर हो जाना Facebook Twitter